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घर घर नही बनता -10-Apr-2022

घर घर नही बनता


एक घर घर नही होता
जब तक पिता का पसीना
इसमें सींचा नही जाता ।
    एक घर घर नही कहलाता 
    जब  तक मां के हाथों से
     रसोईघर महक नही जाता ।
एक घर घर नही बन पाता
जब तक भाई बहन के झगड़ो से
कमरों को गुंजायमान नही कर पाता ।
   ये घर घर नही बन सकता
   जब तक प्रेम रस से भरोसे और संस्कारों
   की जड़ को उपजाया नही जाता ।
ईंट पत्थरों से बना से यह घर
अपनी भी एक कहानी कहता है ।
दीवारों से उतरता रंग भी अपनी
जुबानी से उम्र दराज के किस्से सुनाता है ।
     ताको में रखे वो गुलदस्ते
     पुरानी यादों को ताजा कर जाते है
     ये घर जो मौन सा खड़े होकर भी
     बचपन को बुढ़ापे में बदलता दिखाते है ।
बरते की लकीरों से जब दीवारो को सजाते
दीवारों से उतरते रंग से फिर आंगन को है नहलाते
कुछ यूं परिवार के चंद छोटे सदस्य 
सुने मकान को घर है बनाते ।
     कहने को चुने पत्थर से बना
      पर कमाई कितनो की छुपी ,
       इसका फलसफा है दिखाते
      प्रकृति की ओट में वर्षों तक 
      एक छत है दिलाते ।
यूँ ही नही ये घर घर है बन जाते ।
      मां की आवाज़ से, खाने की खुशबू से
      बच्चों की शरारत से, पिता के मुस्कान से
      परिवार की हंसी टिटौली से, मेहमानों संग बनी यादों से
एक छत जो सींची जाती है ख्वाबो के पसीनो से
एक इमारत जो बनती है किस्मत की लकीरों से
यूँ ही नही घर घर बन जाता है ।
      बरसो की कमाई चंद महीनों में ले जाता है
      बरसो तक फिर उसमें वो अकेले
      पीढ़ियों के अनुभव सजाता है ।
हाँ यू ही नही घर घर बन जाता है 
जन्मदिन की खुशियों से लेकर
मरनदिन का गम वो ,चुपचाप सह जाता है
किसी बच्चे को पैदा होते देख , जो हँसता घर
 अपने ही गोद तले उसे मरते देख ,खामोश रह जाता है।
किलकारीयो को वो अपने मे समेट लेता है
कभी गम के शोर से वो अपने को मजबूत बनाता है
छत है आज भी मेरे ऊपर ये बात,
हर रात , वो मुझे बताकर कुछ दिलासा दे जाता है ।
चूने पत्थर से बना ये घर यूँ ही नही घर बन जाता है 
     कहने को है बातें कहीं 
      पर महसूस सभी करते नही 
      दीवारों के भी कान होते है
      पर मकान किसी से कहते नही ।
ये मौन से खड़े रहते है
हर खुशी, हर विपदा, हर गुण दोष में
मेरे सहारा बन जाते है ।
     हर तीव्र बारिश या खिलखिलाती धूप में
     ये मेरे पिता समान परछाई बन जाया करते है ।
यूँ ही नही ये घर , घर बन जाया करते है ।

Abhishek जैन
Insta @ajain_words

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